गुरु कुंभ राशि में होंगे अस्त, कई राशियों की चमकेगी किस्मत


मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, मकर, कुंभ को लाभ

जयपुर। देवगुरु बृहस्पति 19 फरवरी को कुंभ राशि में अस्त होंगे और 20 मार्च को कुंभ राशि में ही उदय होंगे। इसके प्रभाव से तुला, कुंभ सहित आठ राशियों को व्यापार में लाभ

और कॅरियर में तरक्की के योग बनेंगे। गुरु एक राशि में लगभग 13 माह तक गोचर करते हैं। देवगुरु बृहस्पति लगभग 12 वर्षों में सभी बारह राशियों का भ्रमण पूर्ण करते हैं। यानी इस साल गुरु जिस राशि में हैं, उस राशि में लौटने पर अब करीब 12 वर्ष का समय लगेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि गुरु ग्रह का यह परिवर्तन मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि के लिए शुभ रहने वाला है। इन राशियों के जातकों को गुरु के प्रभाव से अधिकतर कार्यों में सफलता, व्यापार में लाभ और कॅरियर में तरक्की के योग बनेंगे। इस साल इन राशियों पर गुरु की कृपा से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्राप्त रहेगा। मिश्रा ने बताया कि गुरु का राशि परिवर्तन सभी राशियों के जातकों के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। गुरु धर्म, अध्यात्म का प्रमुख ग्रह है। गुरु के कुंभ राशि में प्रवेश से रोगों का प्रभाव कम होगा। राजनेताओं में वैमनस्यता का भाव बढ़ सकता है। कहीं-कहीं अकाल की स्थितियां भी निर्मित हो सकती हैं। गुरु शनि की नीच राशि मकर से शनि की ही राशि कुंभ में प्रवेश कर रहे हैं। सरकारों को परेशानी हो सकती है।

इन राशियों के जातक रहे सावचेत

जिन राशियों में गुरु नीच में है, उनमें नुकसान संभव है। वहीं गुरु की यह चाल तीन राशियों कन्या, वृश्चिक और मीन के लिए अशुभ फल देने वाली रह सकती है। जिन राशियों में गुरु नीच के हैं, उन्हें विवाद, दुश्मनी और व्यापार में घाटा हो सकता है। इसके अलावा कर्क राशि के लिए गुरु का कुंभ राशि में होना मिश्रित फल देने वाला रहेगा। यानी इस राशि के जातकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी से ही कोई कदम बढ़ाना होगा।

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