महामंडलेश्वर बने परदेसी संतों की शोभायात्रा

जयपुर . इलाहाबाद महाकुंभ में दो विदेशी भक्तों को महामंडलेश्वर की उपाधि मिलने पर विश्व गुरुदीप आश्रम की ओर से 17 फरवरी 2013 को यहां शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से होकर हरिहर मंदिर पहुंची। श्याम नगर के विश्व गुरुदीप आश्रम से बैंडबाजे व बग्घियों के लवाजमे के साथ रवाना हुई। महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानंद के सान्निध्य में निकली शोभायात्रा में देशी-विदेशी भक्त शामिल हुए। आश्रम सचिव कपिल अग्रवाल के मुताबिक यूरोप के कुरेशिया मूल के स्वामी ज्ञानेश्वरपुरी व स्वामी विवेक पुरी स्वामी महेश्वरानंद के शिष्य हैं। दोनों को महाकुंभ में महानिर्वाणी अखाड़े ने महामंडलेश्वर की उपाधि दी है। ऐसा माना जा रहा है कि पहली बार विदेशी भक्तों को महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई। इनमें स्वामी ज्ञानेश्वरपुरी ने भारतीय नागरिकता प्राप्त कर ली। वे संस्कृत व योग की शिक्षा भी दे रहे हैं। वहीं स्वामी विवेकपुरी कुरेशिया में योग शिक्षा दे रहे हैं।

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