मौज मस्ती पड़ सकती है भारी

सुनील शर्मा

सुनील शर्मा
हिंडौन सिटी . मौज मस्ती के लिए अगर कोई दूसरे लोगों को परेशानी में डाल दे तो उससे बड़ी मूर्खता क्या होगी। और बार-बार अगर ऐसा किया जाता रहे तो हर कोई उससे परेशान हो जाता है। मेरे एक परिचित को राह चलते जानवरों को परेशान करने में बहुत मजा आता था। राह चलते जानवरों की पूंंछ खींचकर भाग जाना। कभी लकड़ी से मार कर भाग जाना। कभी कान खींचना या सींग पकड़कर हिलाना और भाग जाना। उसकी हरकत से परेशान होकर जानवर इधर-उधर दौड़ लगा देते थे और वह खड़ा-ख्रड़ा तालियां बजाता रहता। दौड़ते जानवरों के कारण कई लोग चोटिल भी हो जाते हैं। लेकिन वह नहीं मानता था। एक दिन उसने एक गाय का कान खींचा और भागने लगा। गाय ने अपनी पूंछ जोर से हिलाई तो घबराकर वह वहीं गिर गया। अब उसकी हालत देखने वाली थी, डर के मारे जान ही निकलने लगी। लेकिन गाय की महानता देखो रोजाना की परेशानी झेलने के बाद भी उसे बिल्कुल झल्लाहट नहीं हुई। गाय बस उसे देखती रही। जब परिचित को गाय की महानता के बारे में बताया तो उसकी समझ में आया कि अगर गाय को गुस्सा आता और उस पर पैर रख देती तो क्या होता। उस दिन के बाद उसे अहसास हो गया कि जानवरों को कभी परेशान नहीं करना चाहिए। लोगों को खुद आगे आकर ऐसे लोगों को समझाना चाहिए। जिससे की जानवरों पर अत्याचार रोका जा सके।
प्रेषक : सुनील शर्मा 
(ब्रह्मपुरी कॉलोनी, बयाना रोड, हिंडौन सिटी)

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