सावों का दौर 5 मई से

जयपुर . गुरु उदय के बाद एक बार फिर शहर में चहुंओर शहनाइयां गूंज उठेंगी। 5 मई से गुरुवार को आठ रेखा का सावा होगा। मांगलिक कार्यों का यह दौर देवशयनी एकादशी तक जारी रहेगा। इनमें 11 सावा दिवा लग्न, 17 सावे रात्रि लग्न और 6 स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त होंगे। पं. बंशीधर जयपुर पंचांग निर्माता पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि आठ रेखा के रात्रि लग्न के सावे के साथ ही विवाह के मुहूर्तों का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जो 11 जुलाई तक जारी रहेगा। अंतिम सावा 10 जुलाई को है। इसके बाद चार माह के लिए शुभ-मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। राजस्थान टेंट डीलर समिति के महामंत्री रवि जिंदल ने बताया कि 5 मई, 6 मई दो दिन तक शादियों के लिए नब्बे प्रतिशत विवाह स्थल बुक हो चुके हैं। वहीं 12 मई, 17 मई, 11 जून, 12 जून, 9 जुलाई और 11 जुलाई को होने वाली शादियों के लिए पहले से ही पचास फीसदी बुकिंग हो चुकी है।
रात्रि लग्न
5 मई- 8 रेखा, 11 मई- 7 रेखा, 17 मई - 6 रेखा, 22 मई - 8 रेखा, 28 मई- 7 रेखा, 29 मई- 8 रेखा, 7 जून - 8 रेखा, 9 जून- 8 रेखा, 12 जून- 8 रेखा, 18 जून- 8 रेखा, 20 जून- 7 रेखा, 24 जून- 7 रेखा, 25 जून- 7 रेखा, 29 जून व 6 जुलाई - 9 रेखा, 8 जुलाई - 7 रेखा, 9 जुलाई- 9 रेखा।
दिवा लग्न
6 मई- 8 रेखा, 18 मई- 7 रेखा, 24 मई - 7 रेखा, 3 जून- 9 रेखा, 8 जून- 9 रेखा, 10 जून- 8 रेखा, 11 जून- 8 रेखा, 25 जून- 8 रेखा, 5 जुलाई - 9 रेखा, 7 जुलाई - 9 रेखा, 10 जुलाई - 9 रेखा।
अबूझ मुहूर्त
6 मई अक्षय तृतीया, 12 मई जानकी नवमी, 17 मई पीपल पूर्णिमा, 11 जून गंगा दशमी, 9 जुलाई भड़ल्या नवमी, 11 जुलाई देवशयनी एकादशी।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए (0141-2290150 पर पं. बंशीधर जयपुर पंचांग निर्माता पं. दामोदर प्रसाद शर्मा) तथा ( 9214515604, 9414237095 पर पं. पुरुषोत्तम गौड़) एवं (9414043992 पर पं. पीतांबर जी) से संपर्क किया जा सकता है।

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