सीमा, ममता, सुभाषचंद्र बने आरएएस

सीमा शर्मा
सीमा शर्मा, रैंक महिला सामान्य वर्ग में तीसरी, सामान्य में 20वीं
राजस्थान विश्वविद्यालय से एमएससी में गोल्ड मैडल लिस्ट जीत चुकी सीमा शर्मा इस समय हनुमानगढ़ की टिब्बी पंचायत समिति में बीडीओ हैं। अब आईएएस बनना चाहती है। इसके लिए प्रेरणा स्रोत पिता हरिप्रसाद और मां सुशीला शर्मा को मानती हैं। बेटी को आरएएस की तैयारी कराने के लिए पिता को दिल्ली की प्राइवेट नौकरी छोडऩी पढ़ी। भाई शेलेंद्र शर्मा गुडग़ांव में सीआरपीएफ में सहायक कमांडेंट की ट्रेनिंग कर रहा है। उसने भी बहन के साथ आरएएस की परीक्षा दी थी वो भी सफल हुआ है।
सीमा को ब्राह्मण पत्रिका की तरफ से हार्दिक बधाई।
 
ममता तिवाड़ी
ममता तिवाड़ी, रैंक महिला सामान्य वर्ग में 6
बीएड करने के बाद 2006 से जमवारामगढ़ की स्कूल में व्याख्याता पर नियुक्ति हो गई। व्याख्याता बनने के बाद भी ममता तिवाड़ी  ने आरएएस की तैयारी जारी रखी। दिनभर स्कूल में बच्चों को पढ़ाती थी और बच्चों को भी मोटिवेट करती थीं। अपनी विषय का परिणाम अच्छा रहे। इसके लिए स्कूल समय के अतिरिक्त क्लासेज लेती। इसके बाद आरएएस की तैयारी के लिए समय  बहुत कम रहता तो ममता देर रात तक पढ़ती रहती थी। उसका 2007 में राजस्थान लेखा सेवा में चयन हो चुका है।
ममता को ब्राह्मण पत्रिका की तरफ से हार्दिक बधाई।
 
सुभाष चन्द्र मिश्रा
सुभाषचंद्र  मिश्रा, मेरिट में सामान्य वर्ग 9, सामान्य में 22 
आरएएस बनने की प्रेरणा अपने पिता बाबूलाल मिश्रा और मां शांति देवी मिली। पत्नी सुनीता ने हमेशा हौसला अफजाई किया। फिलहाल वे नायब तहसीलदार की ट्रेनिंग कर रहे हैं।
सुभाष को ब्राह्मण पत्रिका की तरफ से हार्दिक बधाई।

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