गजानन के विभिन्न रूपों की झांकियां

मोती डूंगरी मंदिर से रवाना होती गजानन भगवान की झांकी.
मोती डूंगरी मंदिर से रवाना होती गजानन भगवान की झांकी.
गजानन भगवान की झांकी.
गजानन भगवान की झांकी.
गजानन भगवान की झांकी.
गजानन भगवान की झांकी.
गजानन भगवान की झांकी.
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गजानन भगवान की झांकी.
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गजानन भगवान की झांकी.
गजानन भगवान की झांकी.
80 झांकियां, 9 घंटे की सैर
गणपति महोत्सव समिति की ओर से मोतीडूंगरी गणेश मंदिर से महंत कैलाश शर्मा, महापौर ज्योति खंडेलवाल, विधायक घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व मंत्री भंवरलाल शर्मा व समिति सदस्यों ने आरती उतारकर शोभायात्रा को रवाना किया। शोभायात्रा में 80 आकर्षक झांकियां शामिल हुईं। अपराह्न 4 बजे रवाना हुई शोभायात्रा देर रात 1 बजे ब्रह्मपुरी पहुंची।
अजब-गजब सवारियां और जयकारे
चूहे की पारंपरिक सवारी छोड़ हाथियों के रथ पर सवार गणपति, 28 फुट लंबे 11 फुट चौड़े रथ पर पृथ्वी को घुमाते 18 फुट ऊंचे प्रथमपूज्य, शेषनाग पर सवार समुद्र की सैर करते हुए गणेश, बैंड व शहनाई वादन के साथ गणेशजी की पालकी सवारी और चूहों द्वारा लड्डुओं का थाल लेकर गणेशजी की मनुहार। चारों ओर जय गणेश का शोर।
कलाबाजों ने डाला हैरत में
शोभायात्रा में कलाकारों ने मुंह से आग निकालकर व आंख पर पट्टी बांधकर करतब दिखाकर दर्शकों को हैरत में डाल दिया। वहीं अनेक नर्तक दलों ने समूह में जगह-जगह पर गुजराती, सिंधी डंका नृत्य, राजस्थान चंग नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों को खूब लुभाया। श्रद्धालुओं की ओर से भी यात्रा मार्ग पर जनसेवा व भजनों के कार्यक्रम चलते रहे।
आकाश में आतिशी नजारे
यात्रा मार्ग में कई जगह आकर्षक रंगीन आतिशबाजी की गई। यात्रा जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, गणगौरी बाजार, ब्रह्मपुरी होकर गैटोर छतरियों के बाहर पहुंची। यहां गढ़ गणेश मंदिर के महंत प्रदीप औदित्य ने आरती उतारी। श्रद्धालुओं में उछाल लुटाई गई। फिर मोतीडूंगरी गणेश के स्वरूप को गढ़ गणेश ले जाया गया।

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2 Comments

  1. अदभुत, भव्य , अति सुंदर और मनमोहक झाँकियाँ...
    आपका प्रयास उम्दा और सराहनीय है .
    श्री गणेश चतुर्थी की ढेरों शुभकामनाएँ के साथ
    आपको बधाई और आभार

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  2. बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरी कोशिश यही रहती है कि मैं सभी लोगों तक इस तरह के आयोजन पहुंचा सकूं। आप इसी तरह मेरा मार्गदर्शन करते रहें।
    धन्यवाद
    सुधीर कुमार शर्मा
    (my e_mail : sudhir.hindaun@gmail.com)
    my blog : www.brahminpatrika.tk

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