श्रावणी तीज 12 अगस्त को

जयपुर.  श्रावणी तीज के साथ त्योहारों का सिलसिला शुरू होता है, जो गणगौर विसर्जन तक चलता है। इस बार श्रावणी तीज 12 अगस्त 2010 को  है, सिंजारे की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। बाजार में नव-विवाहिताओं व रिश्ता पक्का होने वाली युवतियों के ससुराल पक्ष ने सिंजारे की खरीदारी शुरू कर दी है। पिछले तीन वर्षो में  बढ़ी महंगाई के बावजूद पारंपरिक पर्वों की खरीदारी पर कोई असर  नहीं पड़ा है। जौहरी बाजार व्यापार मंडल अध्यक्ष त्रिलोक चंद्र ने बताया कि यूं तो लहरिया की कीमत 200 रुपए से शुरू हो जाती है। उसके बाद जैसा माल वैसा दाम। लहरिये में विशेष रूप से जारजट, मोतड़ा, रंगोली, नीमदाना, हाफ लहरिया, हाफ चुनरी, गोटा पट्टी, आरी-तारी, आरी सलमा, फैंसी लहरिया की मांग ज्यादा है। घेवर व्यवसायियों की मानें तो घेवरों के भावों में 30 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इस बार देसी घी का फीका घेवर 340 रुपए किलो, मीठा 280 रुपए किलो और रबड़ी का घेवर भी 280 रुपए किलो है। गत वर्ष यही भाव देशी घी का मीठा घेवर व रबड़ी का घेवर 240 रुपए किलो और फीका घेवर 280 रुपए किलो था।
शाही लवाजमे से निकलेगी सवारी
पर्यटन विभाग की ओर से पारंपरिक रूप से दो दिवसीय तीज उत्सव मनाया जाएगा। इसके तहत 12 अगस्त को त्रिपोलिया गेट से पारंपरिक तीज की सवारी निकाली जाएगी। शाही लवाजमे के साथ निकलने वाली यह सवारी प्रमुख मार्र्गों से होकर चौगान स्टेडियम पहुंचेगी। सवारी के दौरान लोकनर्तक व अन्य कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। वहीं इसी शाही शान से 13 अगस्त को बूढ़ी तीज की सवारी निकाली जाएगी।

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