राजधानी में गूंजेगी वेदध्वनि

राजस्थान की राजधानी जयपुर में वर्षों बाद फिर वेदध्वनि गूंजेगी। वैदिक विद्वानों के अनुसार राजधानी में 29 जनवरी से होने वाले तीन दिवसीय पश्चिमांचल राष्ट्रीय वेद सम्मेलन में 25 साल बाद वेदों की गूंज सुनाई देगी। गौड़ ब्राह्मण परिषद और एसएस जैन सुबोध कॉलेज के तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में देशभर के करीब 250 विद्वान शामिल होंगे। प्रवक्ता आचार्य योगेंद्र ने बताया कि पहले दिन 29 जनवरी को सुबह 8 बजे मोतीडूंगरी गणेश मंदिर से शोभायात्रा का आयोजन होगा, जो सम्मेलन स्थल पहुंचेगी। इसके बाद सुबह 11 बजे उद्घाटन समारोह होगा। सम्मेलन के परामर्श मंडल में डॉ. कलानाथ शास्त्री, डॉ. प्रभाकर शास्त्री, पंडित मोहनलाल पांडेय, डॉ. हरिराम आचार्य, साधना शिखर, मोतीलाल जोशी एवं नारायण शास्त्री कांकर होंगे। वहीं आशीर्वाद प्रदाता ब्रह्मपीठाधीश्वर नारायणदास महाराज, अग्रपीठाधीश्वर राघवाचार्य, शुकसंप्रदाचार्य अलबेली माधुरीशरण होंगे। परिषद के अध्यक्ष सत्यनारायण भातरा व संयोजक कमल भारद्वाज ने बताया कि जयपुर को आगामी दस वर्षों में वैदिक सिटी बनाया जाएगा। वेदों पर शोध के लिए एक स्थायी कार्यशाला का निर्माण किया जाएगा। वेद विद्यालय खोलकर बालकों को शुरुआत से ही वेदों का ज्ञान कराया जाएगा। सम्मेलन में सांदीपनी वेद विद्या प्रतिष्ठान के सचिव प्रो. किशोर मिश्र सहित पांच विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल होंगे। वाराणसी से वयोवृद्ध वेद मनीषि गजानंद गोडसे, सामवेदी गगल चट्टोपाध्याय, ऋग्वेद के घनपाठी अनिल घोड़ेकर सहित अन्य कई विद्वान शामिल होंगे। सुबोध कॉलेज के प्राचार्य डॉ. के.बी. शर्मा ने बताया कि 22 जनवरी को मोतीडूंगरी गणेशजी महाराज को निमंत्रण देकर सम्मेलन सफल बनाने की प्रार्थना की जाएगी।

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