नरवर आश्रम सेवा समिति के संस्थापक व खोले के हनुमानजी मंदिर के महंत राधेलाल चौबे मंगलवार शाम ब्रह्मलीन हो गए। इस सूचना से समूचे संत समाज और भक्तों में शोक छा गया।
बुधवार को बड़ी संख्या में संत—महंतों व भक्तों की उपस्थिति में सुबह गाजे-बाजे के साथ महंत चौबे की अंतिम यात्रा बड़ी चौपड़ से रवाना हुई। इस दौरान पूरा वातावरण जय-जय राम जयश्री राम के जयकारों से गूंज उठा। बड़ी चौपड़ पर गढ़ गणेश मंदिर के महंत प्रदीप औदिच्य, सरस निकुंज के प्रवीण बड़े भैया सहित कई हिंदू—मुस्लिम भक्तों ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। यात्रा सिरहड्योढ़ी बाजार, चांदी की टकसाल, सुभाष चौक, गंगापोल होकर बासबदनपुरा पहुंची। उनके अंतिम दर्शनों के लिए पूरे रास्ते मकानों के झरोखों और छतों पर लोग खड़े थे। अंत में यात्रा खोले के हनुमान मंदिर पहुंचीं, जहां वाटिका में अंतिम संस्कार किया गया।
परिचय : १४ नवंबर 1929 में बिशनपुर में जन्मे राधेलाल 50 वर्ष पूर्व खोले में घूमने आए। हनुमानजी के दर्शन हुए तो वन विभाग नौकरी छोड़ संन्यास ले लिया। 9 अगस्त 1961 में नरवर आश्रम सेवा समिति बनाई। वे पत्नी, तीन पुत्र व भरा—पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
ब्राह्मण पत्रिका उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती है।
4 Comments
sundar blog..word verification system hata dijiye..isase samay nasht hotaa hai ..
ReplyDeletenarayan narayan
ReplyDeleteयहाँ आकर अच्छा लगा, प्रशंसनीय प्रयास, समय मिलते ही फिर आऊंगा.
ReplyDeleteBAHUT BADIA
ReplyDeleteYAHA BHI RUKE
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